• Jhansi में शनिवार अलसुबह Encounter में मारा गया कुख्यात
  • Kanpur में तीन साल पहले हुई BSP नेता पिन्टू सेंगर की हत्या था आरोपी
  • भाड़े पर हत्याएं करने में Expert था राशिद कालिया उर्फ घोड़ा
  • मऊरानीपुर एरिया में शूटर ने STF पर भी दागीं गोलियां
  • Dy.SP & Inspector को लगीं लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट ने बचाया
  • लंबे समय से Kanpur के चकेरी एरिया को बना रक्खा था अपना ठिकाना


Yogesh Tripathi

लंबे समय से आतंक का पर्याय बने खूंखार अपराधी राशिद उर्फ कालिया उर्फ घोड़ा उर्फ वीरू का शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) ने काम तमाम कर दिया। भाड़े पर हत्याएं करने के लिए कुख्यात इस शार्प शूटर को UPSTF ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। कालिया उर्फ घोड़ा पर 1.25 लाख रुपए का इनाम घोषित था। Kanpur में तीन साल पहले चकेरी थाना एरिया में दिनदहाड़े BSP नेता पिन्टू सेंगर की हत्या के मामले में राशिद कालिया उर्फ घोड़ा का नाम आया। FIR में राशिद उर्फ कालिया आरोपी भी था। लंबे समय से शहर पुलिस को उसकी तलाश थी लेकिन सपेदपोशों से तगड़े नेटवर्क की वजह से राशिद कालिया हमेशा बचता रहा। मुखबिर की सटीक सूचना जब STF ने झांसी के मऊरानीपुर में उसकी घेराबंदी की तो कालिया ने STF Team पर ही गोलियों की बौंछार कर दी। गोलियां STF के Dy.SP संजीव दीक्षित और Inspector घनश्याम यादव को लगी। गनीमत ये रही कि दोनों Officer’s ने बुलेटप्रूफ जैकेट पहन रक्खी थी, जिसकी वजह से कोई अनहोनी नहीं हुई। STF की क्रॉस फायरिंग में गोली राशिद कालिया को लगी। गंभीर हालत में उसे उपचार के लिए मऊरानीपुर सीएचसी ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने झांसी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। झांसी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने कालिया को मृत घोषित कर दिया। 



STF के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) अमिताभ यश के निर्देश पर मातहत इनामी और भाड़े पर हत्या करने वाले दुर्दांत अपराधियों की धरपकड़ के लिए लंबे समय से विशेष अभियान चला रहे हैं। इसी कड़ी में जरिए मुखबिर सवा लाख रुपए के इनामी दुर्दांत अपराधी के बारे में मालुमात होने पर STF के Dy.SP संजीव दीक्षित और Inspector घनश्याम यादव ने टीम के साथ बुन्देलखंड के झांसी में डेरा डाल दिया। शनिवार सुबह मुखबिर के इशारे पर STF ने मऊरानीपुर के पास शातिर की घेराबंदी की तो उसने ताबड़तोड़ फायरिंग Start कर दी। बदमाश की तरफ से चलाई गई गोली टीम का नेतृत्व कर रहे Sanjeev Dixit (Dy.SP) और Ghanshyam Yadav (Inspector) को लगीं। दोनों ही अफसर चूंकि बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए थे, इस लिए गोलियां उनके शरीर को छू नहीं पाई। 


इसके बाद STF ने स्वचालित असलहों से फायरिंग की। गोली बदमाश को लगी और वह गिर पड़ा। लहूलुहान हालत में STF बदमाश को मऊरानीपुर सीएचसी लेकर पहुंची। प्राथमिक उपचार के बाद कालिया को झांसी मेडिकल कालेज ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मारे गए बदमाश की पहचान राशिद कालिया उर्फ घोड़ा उर्फ वीरू के रूप में हुई। STF के मुताबिक राशिद कालिया भाड़े पर हत्या करने के लिए झांसी पहुंचा था। राशिद कालिया के पास से एक फैक्ट्री मेड पिस्टल, दो मैग्जीन, .315 बोर का देशी कट्टा. एक मोटरसाइकिल और कुछ कारतूस बरामद हुए हैं।


2020 में बसपा नेता पिन्टू सेंगर की हत्या की

भाड़े पर हत्याएं करने में Expert शातिर अपराधी राशिद कालिया उर्फ घोड़ा ने 2020 में Kanpur के चकेरी थाना एरिया में बड़ी वारदात कर सनसनी फैला दी थी। कालिया उर्फ घोड़ा ने हिस्ट्रीशीटर से राजनीति में एंट्री लेने वाले बसपा नेता पिन्टू सेंगर को उनके ही घर के बाहर गोलियों की बौंछार कर मौत की नींद सुला दिया था। इस हत्याकांड में कई आरोपी जेल में हैं। एक हाईकोर्ट से जमानत के बाद बाहर आ चुका है। पप्पू स्मार्ट की भी हाईकोर्ट से जमानत तो हो गई लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) में निरुद्ध होने की वजह से वह अभी भी जेल में ही है। Pintu Sengar Murder Case में आरोपी होने के बाद भी राशिद कालिया को Kanpur Police Arrest नहीं कर पाई थी। यही वजह रही कि उसके सिर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। शहर के कई थानेदार लंबे समय से राशिद कालिया की तलाश कर रहे थे लेकिन किसी को कालिया उर्फ घोड़ा की परछाई तक देखने को नहीं मिली। करीब तीन साल चार महीने बाद STF ने न सिर्फ कालिया उर्फ घोड़ा को खोज निकाला बल्कि उसका खात्मा भी कर दिया।

कालिया उर्फ घोड़ा ने झांसी में किया 1St Murder

दर्जनों लोगों की भाड़े पर हत्या करने वाला खूंखार अपराधी राशिद उर्फ कालिया मूलत: बुन्देलखंड के महोबा जनपद का निवासी था। वर्ष 2009 में उसने झांसी जनपद में भाड़े पर हत्या की वारदात को अंजाम दिया। मुकदमा अपराध संख्या 261/2009 IPC की धारा 364-A, 302, 201, 12/14 UPDA Act में राशिद कालिया आरोपी है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से झांसी पुलिस उसे कभी Arrest नहीं कर सकी। राशिद कालिया को Arrest करने में नाकाम झांसी पुलिस ने बाद में उसके सिर पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया। झांसी में सनसनी फैलाने के बाद राशिद कालिया ने Kanpur को अपना ठिकाना बनाया। यहां उसकी मुलाकात शहर पुलिस के लिए लंबे समय से मुखबिरी कर रहे D-2 गैंग को तबाह करने वाले शातिर बदमाश से हो गई। उसके बाद राशिद उर्फ कालिया ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने भाड़े पर Kanpur और आसपास के एरिया में कई हत्याएं की। खासियत ये रही कि किसी भी हत्या में उसका नाम तक नहीं आया। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो हत्या के समय राशिद कालिया के साथ जाने वाले शूटर्स भी नहीं जानते थे कि उसके साथ जो व्यक्ति मौजूद है वो आखिर है कौन...???

कालिया ने मारी थीं पिन्टू को सबसे अधिक गोलियां

20 जून 2020 को कानपुर के चकेरी थाना एरिया में बसपा नेता पिन्टू सेंगर को घेरकर गोलियां मारने वालों में राशिद कालिया प्रमुख था। उसने पिन्टू सेंगर को कई गोलियां मारी थीं। पिन्टू पर गोलियों की बौंछार के बाद जब हमलावर भागे तो राशिद कालिया ने पीछे मुड़कर देखा कि पिन्टू किसी तरह खड़ा होकर कार में बैठने की कोशिश कर रहा है। दुस्साहसी राशिद कालिया ने अपनी बाइक तुरंत मुड़वा दी और पिन्टू सेंगर पर फिर से फायरिंग की। पिस्टल की मैग्जीन खाली करने के बाद उसने अपना सबसे भरोसेंद असलहा .315 बोर का कट्टा निकाल लिया और पिन्टू के सीने पर गोली मार दी। बताया जा रहा है कि शरीर से ताकतवर पिन्टू ने राशिद का कट्टा हाथ से पकड़ लिया था। पिन्टू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके हाथों में जलने की पुष्टि हुई थी। 

बताते हैं कि कालिया को फैक्ट्री मेड पिस्टल पर कम विश्वास रहता था। इसी लिए वह अपने साथ .315 बोर का तमंचा हमेशा रखता था। पिन्टू की हत्या के बाद राशिद उर्फ कालिया फरार हो गया। पिन्टू हत्याकांड में पप्पू स्मार्ट और तीन भाड़े के हत्यारों समेत कई लोगों को पुलिस ने उठाया। कुछ को पुलिस ने छोड़ भी दिया। इसके बाद D-2 गैंग के जानी दुश्मन टायसन को भी पुलिस ने Arrest कर जेल भेजा लेकिन राशिद कालिया को पुलिस छू भी नहीं पाई। चर्चाओं पर विश्वास करें तो Kanpur में कई साल पहले काकादेव थाना एरिया में एक मुस्लिम कोचिंग संचालक की हत्या समेत कई बड़ी घटनाओं में राशिद उर्फ कालिया शामिल था लेकिन न तो कभी उसका नाम उजागर हुआ और न ही चेहरा। पिन्टू सेंगर हत्याकांड में पहली बार उसका चेहरा सामने आया और नाम भी उजागर हुआ।  

 

 

 

 

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